अब नये जिलाधिकारी मृदुल चौधरी से जनता और सरकार को जागी उम्मीद की किरण
गुरसरांय(झाँसी)- भीषण गर्मी और तपन के बीच गरौठा क्षेत्र के गुरसरांय नगर का ऐतिहासिक तालाब माता मंदिर और धनाई तालाब पूरी तरह उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा करोड़ों रुपया तालाब के सुंदरीकरण और विस्तारीकरण के लिए आवंटित होने के बाद और काम कार्यदायी संस्थाओं को देने के बाद जहाँ ऐतिहासिक तालाब माता मंदिर को पूरी तरह से खाली कराकर अधूरा काम छोड़कर ठेकेदार और संबंधित विभाग के लोग भाग गए हैं जिसके चलते गुरसरांय नगर का जलस्तर पूरी तरह नीचे चला गया है हैंडपंपों से लेकर बोरिंगो में पानी कम आने से और धनाई तालाब पर 50 लाख रुपया विस्तारीकरण अतिक्रमण हटाने के लिए सरकार द्वारा महीनों पहले आवंटित कर दिया गया है और उत्तर प्रदेश सरकार से लेकर न्यायालय के धनाई तालाब से अतिक्रमण हटाने के आदेश राजस्व विभाग ने ठंडे बस्ते में डालकर जनता और सरकार के सामने मुसीबतें पैदा कर दी हैं क्योंकि धनाई तालाब से भी बाजार के बहुत बड़े क्षेत्र को पानी जलस्तर बढ़ने से मिलता रहता था लेकिन जानबूझकर संबंधित विभाग से लेकर प्रशासन द्वारा अव्यवस्थाएं खड़ी की जा रही हैं तो दूसरी ओर बड़वार बांध से गुरसरांय नगर को कई दशकों से पानी सप्लाई हुआ करता था लेकिन अब बड़वार बांध भी खाली होने की कगार पर है और सरकार द्वारा सिंचाई विभाग के माध्यम से भारी भरकम धनराशि खर्च करके बेतवा नहर से उपखण्ड तृतीय बेतवा नहर सरसैडा़ के पास से नहर बड़वार बांध तक पानी पहुंचाने के लिए जोड़ दी गयी है लेकिन उस नहर से बड़वार बांध में पानी न पहुंचने का कारण नहर का काम निर्माण सही न होने से यह योजना केवल कागजी साबित हुई है तो दूसरी ओर उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 83 करोड रुपए की लागत से गुरसरांय और गरौठा के लिए बहुउद्देशीय परियोजना हर-घर नल-हर घर-जल योजना के अंतर्गत जो पानी लगभग 1 साल पहले मिलना चाहिए था और बार-बार घोषणा के बाद भी 15 अप्रैल से लेकर समाचार लिखे जाने समय तक इस योजना का व्यावहारिक रूप में काम न होने से यह योजना भी लग रहा है गर्मी में यह योजना गरौठा विधानसभा क्षेत्र के बहुत बड़ी आबादी के लिए मुसीबतें खड़ी करती दिख रही है क्योंकि अभी गुरसरांय नगर में बहुत बड़े क्षेत्र में पाइप लाइन भी नहीं बिछाई गई हैं और फिल्टर प्लांट से लेकर कई स्तर पर काम होना बाकी है लेकिन जल निगम से लेकर इस काम को कर रही कंपनी के लोगों ने जानबूझकर जनता और सरकार के सामने मुसीबतें पैदा कर दी हैं और सरकार की कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह लग रहे हैं बता दें 2023 में झांसी जिले के जिलाधिकारी रहे रविंद्र कुमार ने लगातार स्वयं गुरसरांय से लेकर पूरे क्षेत्र में आकर इस विभाग के अधिकारियों को उनकी लापरवाही के चलते उनके खिलाफ कार्यवाही के निर्देश दिए थे और कुछ काम उस समय तेज गति से आगे भी बड़ा था लेकिन उनके स्थानांतरण होने के बाद यह योजना जहां के तहाँ पड़ी हुई है और तारीख पर तारीख देकर महीनों से जनप्रतिनिधियों से लेकर आम जनता को जहां गुमराह किया जा रहा है वही वर्तमान में बहुत बड़ी मुसीबत कही पेयजल की समस्या को लेकर खड़ी न हो जाए आशंका बढ़ गई है लेकिन अब लग रहा है कि नए जिलाधिकारी झांसी के रूप में मृदुल चौधरी के चार्ज लेने के तुरंत बाद गरौठा क्षेत्र के लिए यह बहुत बड़ा काम उनके ऊपर होगा लेकिन वह बुंदेलखंड की भौगोलिक स्थिति से परिचय हैं और उनकी छवि तेजतर्रार जनहित और शासन हित के कामों को सर्वोच्च प्राथमिकता देकर धरातल पर शत प्रतिशत उतारना रहा है और यह काम उनके लिए वसीयत में चुनौती के रूप में मिला है।
