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May 22, 2025 12:09 pm

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नवाबाद इंस्पेक्टर,चौकी प्रभारी समेत तीन पुलिसकर्मी निलंबित,आईजीआरएस शिकायत का फर्जी निस्तारण करने पर हुई कार्रवाई

 

झाँसी। जनसुनवाई पोर्टल (आइजीआरएस) पर की गई एक गंभीर शिकायत के फर्जी निस्तारण का मामला सामने आने के बाद झाँसी पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया है। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय की एक प्रशासनिक अधिकारी की दर्ज शिकायत के सही तरीके से निस्तारण न किए जाने पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सुधा सिंह ने कड़ा रुख अपनाते हुए नवाबाद थाने के इंस्पेक्टर जितेन्द्र कुमार सिंह, विश्वविद्यालय चौकी प्रभारी आशीष दीक्षित और आइजीआरएस की प्रभारी महिला सिपाही को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।

 

क्या है पूरा मामला?

 

23 मार्च को बुंदेलखंड विश्वविद्यालय की प्रशासनिक अधिकारी डॉ. पुष्पा गौतम ने विश्वविद्यालय के कुछ शिक्षकों के खिलाफ उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए जनसुनवाई पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई थी। यह शिकायत ऑनलाइन माध्यम से विश्वविद्यालय चौकी प्रभारी आशीष दीक्षित के पास स्थानांतरित हुई।

 

चौकी प्रभारी ने विश्वविद्यालय के कुलसचिव विनय कुमार सिंह के एक पत्र का हवाला देते हुए शिकायत को आंतरिक जांच का विषय बताकर निस्तारित कर दिया। लेकिन शिकायत के निस्तारण के दौरान जो साक्ष्य पोर्टल पर अपलोड किए गए, वे चौंकाने वाले थे। निस्तारण की प्रक्रिया में अपलोड की गई तस्वीर में शिकायतकर्ता डॉ. पुष्पा गौतम के स्थान पर किसी अन्य महिला की फोटो दिखा दी गई।

 

शिकायतकर्ता से नहीं की गई पूछताछ

 

डॉ. पुष्पा गौतम के अनुसार, पुलिस की ओर से इस मामले में उनसे कोई औपचारिक पूछताछ नहीं की गई। केवल एक बार फोन पर जानकारी लेने की कोशिश की गई थी, लेकिन प्रत्यक्ष रूप से संपर्क नहीं किया गया। इसके बावजूद, बिना उचित जांच और बिना शिकायतकर्ता का पक्ष लिए ही शिकायत को निस्तारित कर दिया गया।

 

जांच में सामने आया फर्जीवाड़ा

 

जब यह मामला उच्च अधिकारियों के संज्ञान में आया तो पहले पुलिस विभाग ने इसे “गलती से गलत फोटो अपलोड” होने का मामला बताया। लेकिन जब गहराई से जांच की गई तो सामने आया कि यह सिर्फ लापरवाही नहीं, बल्कि सुनियोजित फर्जीवाड़ा था। इसके बाद एसएसपी सुधा सिंह ने देर रात कार्रवाई करते हुए संबंधित पुलिस अधिकारियों और कर्मी को निलंबित करने का आदेश जारी किया।

 

एसएसपी का बयान

 

एसएसपी सुधा सिंह ने कहा, “जनसुनवाई पोर्टल जनता की समस्याओं के समाधान का एक गंभीर माध्यम है। इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही या फर्जीवाड़ा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जांच में दोषी पाए गए तीनों कर्मियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है और आगे की विभागीय कार्रवाई की जाएगी।”

 

यह कार्रवाई पुलिस विभाग के भीतर अनुशासन और जवाबदेही को लेकर एक सख्त संदेश के रूप में देखी जा रही है। जनता की शिकायतों को गंभीरता से लेने और पारदर्शी तरीके से निपटाने की अपेक्षा के अनुरूप यह कदम उठाया गया है।

Nitya Express
Author: Nitya Express

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