शिक्षा माफियाओं पर क्यों मेहरबान है विभाग के आला अधिकारी

अनियमितताओं की जांच रिपोर्ट में पुष्टि होने के बाद नही हो रही कार्यवाही

 

गुरसराय(झाँसी)- निजी शिक्षण संस्थाओं द्वारा स्कूली बच्चों और अभिभावकों का खुल्लम खुल्ला शोषण किए जाने का मामला सामने आया है,हद तो जब हो गई कि इस संबंध में विभिन्न समाचार पत्रों से लेकर कस्बे के जागरूक लोगों ने इसकी मुख्यमंत्री पोर्टल से लेकर विभागीय अधिकारियों और जन सूचना अधिकार के माध्यम से की जा रही गंभीर अनियमितताओं के बारे में जानकारी मांगी तो मामला उजागर हुआlजिसके तहत 25 जुलाई 2024 को स्व.प्रभुदयाल वैश्य पब्लिक स्कूल की जनसुनवाई पोर्टल पर की गयी शिकायत की जांच मे गंभीर अनियमितताएं पाए जाने पर कठोर कार्यवाही हेतु खंड शिक्षा अधिकारी गुरसराय ने पत्रांक 366/2024-25 दिनांक 7 अगस्त 2024 को जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी झाँसी को बताया कि उक्त विद्यालय मे निरीक्षण अवलोकन में विभिन्न अनियमितताएं पाई गई थी,जिस संबंध में खंड शिक्षा अधिकारी द्वारा कार्यालय पत्रांक संख्या 3300-02/2024-25 दिनांक 25 जुलाई 2024 के द्वारा विद्यालय को नोटिस जारी किया गया था,परंतु विद्यालय द्वारा नोटिस का जवाब और अभिलेखों का सत्यापन नहीं कराया,बल्कि उसी प्रकार से आज भी विद्यालय का संचालन किया जा रहा है,विद्यालय की प्रबंध तंत्र द्वारा अपनी हठधर्मिता के कारण विभागीय निर्देशन का अनुपालन न करने एवं विद्यालय मान्यता प्रदान किए जाने के क्रम में विद्यालय संचालन हेतु विभाग द्वारा निर्धारित नियम एवं शर्तों का अनुपालन न करने के क्रम में विद्यालय पर कठोर कार्यवाही की संस्तुति खंड शिक्षा अधिकारी गुरसराय द्वारा जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी झांसी को भेजी गई थी,लेकिन उक्त निजी विद्यालय द्वारा दो माह होने के बाद भी शासन के नियमों को अनदेखा करते हुए स्कूली बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है,वही अभिभावकों की जेब पर डाका अपने मनमाने तरीके से विभिन्न मदों के नाम से प्रति माह से लेकर एडमिशन आदि आदि प्रकार से अवैध धन उगाही जारी है,बताते चलें गुरसराय में कई निजी विद्यालय इसी प्रकार से संचालित हो रहे हैं,जो अभिभावकों की जेब पर डाका डाल रहे हैं,और बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है,ऐसे दर्जनों शिक्षण संस्थान गुरसराय में संचालित हो रहे हैं,विवाह घर से लेकर,विद्युत के तार निकले हो वहाँ किसी प्रकार से शिक्षण संस्थान नहीं हो सकते हैं,वहीं दूसरी ओर ऐसी संस्थाएं गरीबी का फायदा उठाकर पढ़े-लिखे लोगों को रोजगार के नाम पर शिक्षक पद पर तैनाती कर 5-6 हजार रुपये महीना वो भी बैंक के माध्यम से न देकर अपनी कमी छुपाने के लिए शिक्षकों को एक तरह से बंधक बनाकर उनकी गरीबी का मजाक बनाए हुए हैंl

 

बॉक्स में

 

शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों पर उठ रहे सवाल

 

गंभीर अनियमितताएं निजी शिक्षण संस्थाओं के द्वारा किया जाना उजागर होने के बाद भी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी से लेकर जिला विद्यालय निरीक्षक झांसी शिक्षा माफियाओ पर मेहरबान है,जिसका जिंदा उदाहरण खंड शिक्षा अधिकारी गुरसराय द्वारा जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी झांसी को भेजी जांच रिपोर्ट में अनियमितताएं उजागर होने के बाद कोई कार्यवाही न करना लग रहा है,कि अगर शिक्षा माफिया अवैध शिक्षा माफिया उत्तर प्रदेश शासन पर भी भारी पड़ रहे हैं।

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