योगी सरकार के सख्त आदेशों के बाद भी बेखौफ गैस किट लगी मारुति वैन से ढोए जा रहे स्कूली बच्चे,न कार्यवाही का डर न ही बच्चों की परवाह

 

स्कूल प्रबंधन कर रहे बच्चों के जीवन से खिलवाड़,जिम्मेदार मौन

 

 

गुरसराय(झाँसी)- योगी सरकार के सख्त आदेशों के बाद भी स्कूल प्रबंधन शासन एवं परिवहन विभाग के नियमों को ताक पर रखकर मासूम बच्चों की जिंदगी से खुलेआम खिलवाड़ कर रहे है।मामला नगर के गुराई बाजार स्थित महावीर बाल शिक्षा संस्कार स्कूल का है।जहां स्कूली वाहनों में गैस किट का प्रयोग किया जा रहा है।इतना ही नहीं वाहनों में आग बुझाने वाले यंत्र तक नहीं है।जब कभी वाहन में कोई आग की घटना हुई उस पर नियंत्रण करने के लिए वाहन में अग्निशमन यंत्र रखे जाते है पर इन वाहनों मे किसी तरह के अग्निशमन यंत्र तक नहीं रखे जाते हैं।जबकि सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन में साफ है कि स्कूल वाहन में अग्निशमन यंत्रों का प्रयोग किया जाए।वैन में क्षमता से अधिक बच्चों को बैठाया जाता हैं।कम दाम में ज्यादा मुनाफा लेने के लिए गैस गाड़ियों का प्रयोग किया जा रहा है।ये जितना खतरनाक है उतना ही अवैध भी।एलपीजी वाहनों में बच्चों को नहीं बैठाया जाना चाहिए,लेकिन इसकी अनदेखी की जा रही है।स्कूली बच्चों को ढो रहीं वैन में एलपीजी गैस किट लगी हैं।जब वैन चलती है तो उसमें बैठे बच्चों को गैस की गंध झेलनी पड़ती है।यह दमघोंटू होती है।कई बार किट के टैंक से गैस का रिसाव होने से बच्चों को वैन के भीतर बैठने में असुविधा होती है।कई बार तो गर्म मौसम में वाहन में आग लगने का खतरा भी बना रहता है।आखिर प्रतिबंध के बाद भी विद्यालयों में वाहनों में गैस किट लगाकर स्कूली बच्चों को क्यों बैठाया जा रहा है।इससे कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है,इन वाहनों में सुरक्षा मानकों का पालन नहीं किया जा रहा है।स्कूल वाहनों के अवैध परिवहन पर किसी तरह का नियंत्रण नहीं है।ऐसे में यदि कोई हादसा हो जाए तो इसका जिम्मेदार कौन होगा।स्कूल प्रबंधन द्वारा सुप्रीम कोर्ट एवं शासन प्रशासन की गाइडलाइन का पालन नहीं किया जा रहा है।कस्बे के जागरूक लोगों ने इस संबंध में जिला प्रशासन,उत्तर प्रदेश शासन से इस संबंध में कार्रवाई की मांग की है

 

इस संबंध में जब खंड शिक्षा अधिकारी मनोज लक्षकार से दूरभाष पर बात कि तो उन्होंने बताया कि इस संबंध में विद्यालय को नोटिस जारी किया गया है।जल्द ही विधिक कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।

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