संवाददाता सार्थक नायक
झांसी : आज जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने बताया कि प्रदेश स्तर पर रियल टाइम खतौनी राजस्व विभाग लागू करने जा रहा है। शासन ने नई व्यवस्था लागू होने के पहले 31 जुलाई तक खतौनी से जुड़ी सभी खामियां दुरुस्त करने के निर्देश दिए हैं क्योंकि इसके व्यवहार में आ जाने के बाद खतौनी में नाम सुधार जैसे कई खामियों को दुरुस्त नहीं कराया जा सकेगा। हालांकि खतौनी से जुड़ी खामियों को दुरुस्त करने की रफ्तार अभी सुस्त है। उन्होंने कनूनगो और लेखपाल इस कार्य को निर्देश देते हुए कहा कि संवेदनशीलता और गति के साथ कार्य पूर्ण करना सुनिश्चित करें ताकि लोगों को योजना का लाभ जल्दी से जल्द प्राप्त हो सके।
जिलाधिकारी ने इस योजना के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि चंद महीनों के भीतर ऐसी व्यवस्था लागू हो जाएगी कि भूमि का बैनामा कराने के बाद खतौनी पर नाम चढ़वाने के लिए तहसील के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। न ही कोई सुविधा शुल्क देना पड़ेगा, यह संभव होगा रियल टाइम खतौनी से। उन्होंने बताया कि इसके तहत बैनामा होने के 24 घंटे के भीतर ही खतौनी पर नाम चढ़ जाएगा।
जनपद में रियल टाइम खतौनी की प्रगति की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि इसके लिए तहसीलों से लेकर राजस्व परिषद तक में तैयारियां तेजी से चल रही हैं। ट्रायल के तौर पर जिले में बैनामों में रियल टाइम खतौनी सिस्टम लागू भी किया गया जिसकी रिपोर्ट राजस्व परिषद को भेजी गई है। उन्होंने कहा कि शासन ने नई व्यवस्था लागू होने के पहले 31 जुलाई तक खतौनी से जुड़ी सभी खामियां दुरुस्त करने के निर्देश दिए हैं क्योंकि इसके व्यवहार में आ जाने के बाद खतौनी में नाम सुधार जैसे कई खामियों को दुरुस्त नहीं कराया जा सकेगा। हालांकि खतौनी से जुड़ी खामियों को दुरुस्त करने की रफ्तार अभी बहुत धीमी है। इस रफ्तार से जुलाई तक लक्ष्य पूरा कर पाना आसान नहीं साबित हो रहा। जिले में अभी 25 से 30 फीसदी ही काम हुआ है। रियल टाइम खतौनी 19 काॅलम की होगी। अभी खतौनी सिर्फ 13 काॅलम की है। उन्होंने बताया कि रियल टाइम खतौनी 19 कॉलम होने की वजह से लेखपाल और कानूनगो को बहुत ही सावधानी पूर्वक कार्य करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि किसी भी तरह से प्रारूप को पूर्ण करने में कोई खामियां ना रहे यह अवश्य सुनिश्चित कर लें। जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने रियल टाइम खतौनी कैसे कार्य करेगी और उससे क्या लाभ होंगे की जानकारी देते हुए बताया कि संपत्ति का बैनामा कराने के बाद नामांतरण के लिए विलेख की एक प्रति तहसील चली जाती है। वहां 45 दिनों में नामांतरण की प्रक्रिया पूरी करनी होती है। यानी विक्रेता का नाम काटकर क्रेता का नाम चढ़ता है। इसके बाद अमल दरामद के लिए फाइल जाती है और खतौनी में नाम चढ़ने पर भी दो से तीन महीने का समय लग जाता है और नाम जल्द चढ़वाने के लिए आवेदकों को तहसील के चक्कर लगाने पड़ते हैं तथा सुविधा शुल्क देना पड़ता है। परंतु अब रियल टाइम खतौनी व्यवस्था लागू होने के बाद बैनामा होने के 24 घंटे के भीतर ही क्रेता का नाम खतौनी पर चढ़ जाएगा। बीच की सभी तरह की उलझाऊ प्रक्रिया से निजात मिल जाएगी।जिलाधिकारी ने रियलटाइम खतौनी के फायदे बताते हुए कहा कि भूमि का बैनामा होने के 24 घंटे के बाद ही नई खतौनी जारी हो जाएगी। विक्रेता की जगह क्रेता का नाम चढ़ जाएगा। इस खतौनी से गाटा संख्या में खातेदारों के नाम के आगे अंश (उनके हिस्से की कितनी भूमि है) उसका जिक्र होगा। इसके साथ ही अंश का जिक्र होने से कोई व्यक्ति अपने हिस्से से अधिक भूमि नहीं बेच सकेगा। कोई किसी की भूमि पर अधिक कब्जा नहीं कर सकेगा।खतौनी के लिए तहसील का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। काम कराने के नाम पर दलाल मुक्ति पाएंगे। जमीन के कारोबारी या खरीदार, किसी लालच में पड़कर आपत्ति नहीं लगा सकेंगे। जिलाधिकारी ने जनपद के समस्त तहसीलों में हो रहे रियल टाइम खतौनी के कार्य की समीक्षा करते हुए कहा कि संवेदनशील होकर उक्त कार्य करना सुनिश्चित करें, किसी भी प्रकार की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि रियल टाइम खतौनी में 19 कॉलर में आते हैं इनको पूर्ण करने में संवेदनशील होना अति आवश्यक है इसका विशेष ध्यान रखा जाए ताकि कोई भी गड़बड़ी ना हो।