डॉ. संदीप सरावगी ने वृद्धाश्रम में बुजुर्ग माताओं के साथ बड़ी सादगी के साथ मनाया अपना जन्मदिन

संवाददाता सार्थक नायक

 

*झाँसी* धर्मपत्नी संग पहुंचे सदर विधायक रवि शर्मा की उपस्थित में डॉ. संदीप सरावगी ने काटा केक, जन्मदिन की दी शुभकामनाएं

 

मां के चरणों में है चारों धाम का सुख: डॉ. संदीप सरावगी

 

 

गौ, गंगा, गायत्री की सेवा के लिए वचनबद्ध, हजारों माताओं, बहनों एवं मानव सेवा के लिए सदैव तत्पर रहने वाले प्रतिष्ठित समाजसेवी गौरव गहोई पुत्र संघर्ष सेवा समिति अध्यक्ष/संस्थापक डॉ. संदीप सरावगी ने परिवार एवं सैकड़ों लोगों की उपस्थित में बड़ी सादगी के साथ मनाया अपना जन्मदिन। सर्वप्रथम डॉ. संदीप सरावगी ने अपने जन्मदिन की शुरुआत  धर्मपत्नी सपना सरावगी पुत्र ऐश्वर्य सरावगी पुत्री सिद्धि सरावगी संग गायत्री शक्तिपीठ आंतिया तालाब पहुंचकर गुरुओंजनों की उपस्थित में वैदिक मंत्रोचारण के साथ हवन किया। मां गायत्री शक्तिपीठ के दर्शन कर गुरुजनों ने पुष्पमाला पहनाकर सुभाशीष दिया। इसके पश्चात आई.टी.आई. सिद्धेश्वर नगर स्थित वृद्धाश्रम पहुंचे सदर विधायक रवि शर्मा  धर्मपत्नी सुनीता शर्मा ने समाजसेवी डॉ. संदीप सरावगी को पुष्प गुच्छ भेंट कर जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं। विधायक रवि शर्मा धर्मपत्नी सुनीता शर्मा, विभिन्न संगठनों से आए पदाधिकारी, सदस्यों एवं बुजुर्ग माताओं, बहनों की उपस्थित में समाजसेवी डॉ. संदीप सरावगी ने केक काटकर बड़ी सादगी के साथ मनाया अपना जन्मदिन। इसके पश्चात डॉ. संदीप सरावगी ने बुजुर्ग माताओं के चरण धोकर, उन्हें वस्त्र एवं उपहार भेंट किया। माताओं, बहनों एवं बुजुर्गों ने डॉ. संदीप सरावगी को दीर्घायु होने का शुभाशीष दिया। इस मौके पर डॉ. संदीप सरावगी ने कहा कि माँ वह है जो 9 महीने कोख में रखकर, हमें जन्म देने के साथ ही हमारा लालन-पालन करती हैं। माँ के इस रिश्तें को दुनियां में सबसे ज्यादा सम्मान दिया जाता है। यही कारण है कि संसार में मां को जगतजननी, जीवनदायनी की संज्ञा दी गयी है इसके साथ ही माँ को प्रेम और त्याग की मूर्ति भी माना गया है। लेकिन बदलते परिवेश में देश की विडंबना है कि जिस धरती पर माता – पिता को भगवान का स्वरूप मानते हैं। उसी धरती पर उनकी यह स्थिति दयनीय है। यह हमारे समाज की संस्कृति के बिल्कुल विपरीत है। कुछ संभ्रांत परिवार के लोग अपने माता-पिता को खुद ही वृद्धा आश्रम छोड़ कर आते हैं। जबकि कई माता-पिता ऐसे हैं जिनकी हालत इतनी बुरी होती है कि उनको घर से निकाल कर सड़कों पर दर-दर भटकने के लिए छोड़ दिया जाता है आजकल मनुष्य इतना स्वार्थी हो गया है कि वह केवल सांसारिक सुखों की कामना करता रहता है। ऐसा नहीं है कि वे अपने माता-पिता की देखभाल नहीं कर सकते हैं। कमी उनके विचारों में आ गई है। उनके सोचने की शक्ति संकीर्ण हो गई है। सांसारिक सुखों के आगे अपने माता-पिता को रोड़ा समझने लगते है। ऐसे असहाय माताओं, बहनों एवं बुजुर्गों की सेवा के लिए सदैव आपका बेटा आपका भाई के रूप में डॉ. संदीप सरावगी एवं संघर्ष सेवा समिति सदैव मौजूद रहेगी। कार्यक्रम में सैकड़ों लोगों के लिए जलपान आदि की व्यवस्था की गई। डॉ. संदीप सरावगी को जन्मदिन की बधाई एवं शुभकामनाएं देने हेतु संघर्ष सेवा समिति कार्यालय पर दिनभर सुभचिंतकोंं एवं प्रियजनों का तांता लगा रहा। इस मौके संघर्ष सेवा समिति से सुशांत गेंडा, बसंत गुप्ता, राकेश अहिरवार, राजू सेन, संदीप नामदेव, महेंद्र रायकवार, राजनरायण मिश्रा (झांसी मंडल अध्यक्ष उ.प्र उद्योग व्यापार मंडल), उमेश प्रजापति (बी.एच.ई.एल), नीरज सिहोतिया (सभासद, कैंट), त्रिलोक कटारिया, राजीव कुमार रजक , जीतेश सोनी “जीतू” (युवा प्रांतीय अध्यक्ष ), चौ. करन सिंह, भूपेंद्र खत्री ( संघर्ष सेवा समिति), लखन लाल सक्सेना (प्रदेश अध्यक्ष भा.ज.पा समर्थक मंच), अमित हयारण, अमित परिहार, पुरूकेश अमरिया (प्रांतीय सह संयोजक हिंदू जागरण मंच), प्रतीक वर्मा, अभिषेक वाल्मीकि, अभय चौधरी, समद अली (पूर्व प्रधान) शैलेंद्र राय, नितिन साहू( तल्लैया मोहल्ला), मनोज रेजा(युवा महानगर अध्यक्ष उ.प्र उद्योग व्यापर मंडल), अमित राय (भट्टागांव, वार्ड 3), मोनू खुराना, राम द्विवेदी ( दिल्ली), गीता शर्मा(अध्यक्ष, नारी तू नारायणी समिति), रश्मि हयारण (वार्ड 60), मीना मसीह, हाजरा रब, नीलू रायकवार, नीता माहौर, रानी कुशवाहा, सहित विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े हुए संगठनों के लोग एवं सदस्य मौजूद रहे।

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