संवाददाता अमित राजावत
मुरैना जिले में एक बार फिर परंपरागत दुश्मनी का खूनी खेल सामने आए हैं जिसमें 10 साल पहले 2013-14 में जमीनी विवाद के चलते दो लोगों की हत्या हो गई थी आपको बता दें दो हत्या का बदला लेने लेने के लिए मृतकों के परिजन ने आरोपी पक्ष के 6 लोगों की हत्या कर लिया है बदला, इस घटना से ग्रामीणों में खासी दहशत व्याप्त है इसके बाद पूरा गांव पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है
अंबाह तहसील के सिहोनिया गांव में थाना क्षेत्र में स्थित ग्राम लेबा शुक्रवार सुबह गोलियों की आवाज से गूंज उठा ग्रामीणों से मिली जानकारी के मुताबिक 10 वर्ष पूर्व 2013 में 14 में जमीनी विवाद के चलते गजेंद्र सिंह तोमर मुंशी सिंह तोमर के परिवारों के बीच विवाद हुआ था जिसमें मुंशी के भाई चरण और वीरभान सिंह की मौत हो गई थी इसमें मुख्य आरोपी रणजीत परिवार सहित गांव छोड़कर चला गया था जो कुछ दिन पूर्व ही गांव में वापस लौटा था शुक्रवार सुबह रणजीत सिंह ने अन्य परिजनों के साथ मिलकर मुंशी के परिवार पर हमला बोल दिया जिसमें पहले तो वह लोग लाठियों से पीटते रहे फिर सोबरन के बेटे भूरे और बीरभान के बेटे छोटे ने घर से बंदूके निकाल कर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी
ग्रामीणों के मुताबिक इस गोलाबारी में इस गोलीबारी में 6 लोगों की मौत व करीब आधा दर्जन लोग घायल हुए हैं
एकाएक हुई फायरिंग में किसी को संभलने तक का मौका नहीं मिला ग्रामीणों के मुताबिक गोली लगने से गजेंद्र सिंह तोमर उसका बेटा संजू उसका भाई तथा गजेंद्र की दो बहुओं की मौके पर ही मौत हो गई
जबकि गजेंद्र के बेटे धीरेंद्र के कंधे में तथा विवाहित बिटिया के पैर में गोली लगने से घायल बताए गए हैं
इसके अलावा लाठी की मार से भी करीब 4 से 5 लोगों के घायल होने की सूचना है
आपको बता दें कि बंदूक लहराते हुए आरोपी भाग निकले हैं आरोपियों ने पूरी प्लानिंग के साथ हमला किया था जिन्होंने पहले गजेंद्र के परिवार को घेरकर लाठियां बरसाते हुए संभलने का मौका ही नहीं दिया इसके बाद ताबड़तोड़ गोलियां चलाकर 6 लोगों की हत्या कर डाली इसके बाद आरोपी बंदूक के लहराते हुए उनके हाथों में हथियार देख किसी ने भी उन्हें रोकने का प्रयास नहीं किया मुरैना एसपी के रूप में पदस्थ किए शैलेन्द्र सिंह चौहान द्वारा अभी चार्ज नहीं लिया गया है जिससे इस जघन्य वारदात की सूचना पाते ही ए एसपी रायसिंह नरवरिया तुरंत घटनास्थल पर पहुंच गए हैं एवं गांव को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया है
लेपा गांव के पास ही विंडोसा गांव है
विंडोसा गांव के ही डकैत पान सिंह तोमर थे जिनके ऊपर फिल्म भी बन चुकी है
पान सिंह तोमर का विवाद भी जमीन को लेकर गांव के लोगों के साथ हुआ था और वह डकैत बन गए थे
खास बात यह है कि दोनों ही गांव को जोड़कर यानी लेपा भरोसा के नाम से जाना जाता है
दिवनी के विधायक रविंद्र सिंह तोमर का गांव भी लेपा के पास भिडोसा है इसी गांव के डकैत पान सिंह तोमर थे इसलिए भी यह गांव जिले में अपनी अलग पहचान रखता है !