फसल बीमा,खरीफ फसल की आपदा राशि में धांधली को लेकर किसानों की हुई महापंचाय

संवाददाता सार्थक नायक

 

गुरसरांय (झांसी)।ग्राम अस्ता माता मंदिर प्रांगण में यूपी किसान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष शिवनारायण सिंह परिहार के नेतृत्व में किसान पंचायत का आयोजन किया गया।जिसमें किसानों की मुख्य समस्यायों पर पर चर्चा की गई। मुख्य बिंदु किसानों को उनकी फसल सुरक्षा हेतु चलाई जा रही प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना में हो रहे भ्रष्टाचार व बीमा कंपनी की कार्य प्रणाली पर ध्यान केंद्रित किया गया।जिसमें किसानों ने बताया गया कि बीमा कंपनी की कार्य प्रणाली किसानों के प्रति संवेदनहीनता उदासीनता व भ्रष्टाचार से युक्त आचरण से परिपूर्ण हो चुकी है।बीमा कंपनी द्वारा आज तक धरातल पर जाकर अतिवृष्टि ओलावृष्टि सूखा जैसी प्राकृतिक आपदाओं से नष्ट हुई पिछले कई वर्षों से खरीफ व रबी फसलों का सर्वे नहीं किया जा रहा है और आफिस में बैठकर फसल नुकसान की रिपोर्ट लगा देने से कई वास्तविक किसान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लाभ से वंचित हैं।और आज तक किसानों की फसल का समय से बीमा क्लेम किसानों को न दिये जाने से किसानों का प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के प्रति मोहभंग हो रहा है। जिससे प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना प्राय:बुन्देलखण्ड के किसानों के एक अभिशाप साबित हो रही है और साथ में प्राकृतिक आपदायें भी किसानों के लिए अभिसाप बनी हुई है। जिससे यहां पर लगातार कई वर्षो से खेती घाटे का सौदा बन चुकी है।और किसानों को खेती में लगाई लागत का मूल्य प्राप्त न हो पाने के कारण यहां का किसान बेबसी लाचारी व कर्जदार पूर्ण जीवन जीने को मजबूर हैं। अभी वर्तमान वर्ष 2022 में खरीफ फसल का जिले में हुई अतिवृष्टि के कारण शत-प्रतिशत नष्ट हो गई थी और ऐसी हालत में सरकार द्वारा तुरन्त राहत प्रदान करते हुए अन्नदाता को फसल मुआवजा भी प्रदान किया गया था।लेकिन किसानों द्वारा अपनी फसल का बीमा प्रीमियम केसीसी के खाते से कटवाया है और साथ में नकद राशि जमा कर फसल का बीमा प्रीमियम जमा किया गया था।किसानों ने अपनी फसल का बीमा इसलिए करवाया था कि यदि उनकी फसल प्राकृतिक आपदा में नष्ट होती है तो उसका बीमा कंपनी सर्वे करवाकर तुरंत नियत समय में बीमा क्लेम प्राप्त होगा। लेकिन आज तक किसानों को कृषि बीमा कंपनी द्वारा आज तक नियत समय में फसल बीमा का बीमा क्लेम नहीं दिया गया है ।इसका बीमा क्लेम प्राप्त करने के लिए बीमित किसान काफी आशाबान थे कि उनको नष्ट हुई फसल का बीमा क्लेम बीमा कंपनी प्रदान करेगी किंतु बीमा कंपनी द्वारा दिए गए झटके से किसान अत्यंत आह्त है।कृषि बीमा कंपनी से प्रदत्य आंकड़े स्पष्ट रूप से बता रहे है की ग्राम पंचायत में पैदावार औसत से अधिक हुई है इसलिए किसानों को बीमा क्लेम नहीं दिया जायेगा। किंतु यह आंकड़े कैसे प्राप्त हुए या कर लिए गए ये हैं ये संदेहास्पद बना हुआ है। जहां सरकार किसानों की नष्ट हुई फसल का फसल मुआवजा दे रही है और लेकिन कृषि बीमा कंपनी औसत से अधिक किसानों की पैदावार दिखा कर बीमा क्लेम देने से बच रही है। जिसकी निष्पक्ष जांच करवाकर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए ऐसा किसानों की मांग है। किसानों को अभी 2019 में कृषि बीमा कंपनी के द्वारा दिए गए घाव को भुला भी नही पाया था की पुनः 2022 में कृषि बीमा कंपनी ने अन्नदाता को खून के आंसू रुला रहा है। 2019 में जिले के 32 हजार से अधिक किसान आज भी अपने हक की लड़ाई बीमा कंपनी व बैंको से लड़ रहे है। सरकार से अन्नदाता का अनुरोध है कि अगर तहसील ने राहत दी है और किसान का नुकसान नहीं हुआ तो दी गई राहत राशि किसानों से वापस ली जाए या बीमा कंपनी के आंकड़े सुधार कर बीमा क्लेम आबंटित किया जाए किसान कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष शिवनारायण सिंह परिहार ने कहा कि केंद्र सरकार जहां प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का ढ़िढोरा पूरे देश में पीट रही है वही धरातल पर प्रधानमंत्री/फसल बीमा योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है किसानों ने बीमा प्रीमियम जमा किया केसीसी से बीमा प्रीमियम काटा गया जब फसल नष्ट हो गई तो बीमा कंपनी किसानों को बीमा क्लेम नहीं दे रही किसानों को उनका हक नहीं मिलता तो कांग्रेस पार्टी रोड पर उतरकर आंदोलन करेगी जरूरत पड़ी तो चक्का जाम भी करेगी। किसान सेवक शेखर राज बडौनियां ने कहा कि जिस प्रकार से भारत सरकार व राज्य सरकार द्वारा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का विज्ञापनों के माध्यम से ज्यादा से ज्यादा किसानों को जोड़ने के लिए प्रचार प्रसार कर रही है लेकिन धरातल पर किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का बीमा क्लेम नियत समय से न मिलने से किसान काफी मायूस व परेशान हो चुका है जिसमें सबसे बड़े सुधार की जरूरत है।जगराम सिंह ने बताया जनपद का किसान प्राकृतिक आपदाओं से त्रस्त है बीमा प्रीमियम जमा करता है बाद में किसानों को बीमा क्लेम नहीं मिलता यह शासन प्रशासन की सबसे बड़ी नाकामी है इस मौके पर ग्राम अस्ता, कैरोखर,सिगार सहित कई ग्राम पंचायत से अन्नदाता मौजूद रहे सरकार से अन्नदाता की मांग है की बीमा कंपनी से क्लेम दिलाया जाए। पंचायत में प्रमुख रूप से शिवनारायण सिंह परिहार जगराम सिंह अस्ता, राकेश तिवारी सिंगार,बीरेंद्र यादव बीरू, आलोक सिंह आस्ता, जितेंद्र भदोरिया कैरोखर,रणधीर सिंह,देवेंद्र सिंह,रामप्रताप,हरिमोहन, मंजू कोरी, पुष्पेंद्र सिंह,रामकुमार बलवीर सिंह, गोपाल, विजय,विक्रम सिंह,यसवेन्द्र प्रताप सिंह,सुरेंद्र प्रताप सिंह,शिवेंद्र सिंह,रूद्र प्रताप सिंह,प्रबल प्रताप सिंह,अमर सिंह, मोहन सिंह, जितेंद्र कुमार,रघुराज सिंह,इंद्रजीत सिंह,त्रिलोक सिंह, सत्यपाल,सतीश मिश्रा, अनंतराम,प्यारेलाल बेधड़क,शेखर राज बड़ोनिया,गजेंद्र सिंह यादव, सहित सेकड़ो किसान उपस्थित रहे।

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