संवाददाता सार्थक नायक
झांसी। हर वर्ष 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है इस दिन महान विद्वान,लेखक और शिक्षाविद सर्वपल्ली राधाकृष्ण के जन्मदिवस का जन्म हुआ था जो भारत के पहले उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति रहे हैं। शिक्षक दिवस के अवसर साकेत सदन ग्राम भिटौरा,(बंगरा) में उo प्रo सेवा निवृत प्राथमिक शिक्षक कल्याण परिषद झांसी के तत्वावधान में कार्यक्रम के मुख्य अतिथि झांसी के प्रतिष्ठित समाजसेवी संघर्ष सेवा समिति अध्यक्ष डॉo संदीप सरावगी का कार्यक्रम आयोजक, संरक्षक प्रांतीय सदस्य उoप्रo सेवा निवृत प्राथमिक शिक्षक कल्याण परिषद, लखनऊ शंभूदयाल यादव,लखन लाल सक्सेना जिलाध्यक्ष,कोषाध्यक्ष आशाराम रायकवार,महामंत्री गुलाब चंद्र तिवारी ने पुष्पमाला पहनाकर स्वागत किया। स्वागत पश्चात डॉo संदीप सरावगी,विशिष्ट अतिथियों एवं पदाधिकारियों ने मां सरस्वती एवं सर्वपल्ली डॉo राधाकृष्णन के चित्र पर माल्यार्पण कर पुष्प अर्पित किए। इसके पश्चात दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। जहां कार्यक्रम में बच्चियों द्वारा स्वागत गीत प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम में शिक्षक दिवस के अवसर पर सर्वपल्ली डॉo राधाकृष्णन के राष्ट्रहित में उनके योगदान को स्मरण किया गया। इसके पश्चात 31 मार्च 2023 को सेवा निवृत्त शिक्षकों को डॉo संदीप सरावगी को शॉल,श्रीफल एवं समृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर डॉक्टर संदीप सरावगी ने कहा कि त्याग,तपस्या,साधना,संकल्प,सिद्धांत और आचरण की इस पावन भूमि पर गुरु-शिष्य संबंधों की महान परंपरा रही है। हम विश्वामित्र-वशिष्ठ के बिना मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम की संदीपनी मुनि के बिना श्रीकृष्ण की द्रोण के बिना अर्जुन की परशुराम के बिना कर्ण की चाणक्य के बिना चंद्रगुप्त की और परमहंस रामकृष्ण के बिना स्वामी विवेकानंद की कल्पना नहीं कर सकते हैं।प्राचीन काल से लेकर आज तक अनेकों ऐसे शिक्षक-प्रशिक्षक रहे,जिन्होंने स्वयं को कठनाइयों में रखकर विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य का निर्माण किया। जिन्होंने विद्यार्थियों की प्रसन्नता में अपनी प्रसन्नता उनकी सफलता में अपने जीवन की सफलता एवं सार्थकता खोजी है।आज भी निजी विद्यालयों-महाविद्यालयों के ऐसे अनेकों शिक्षक होंगे,जिनके पास साधनों-संसाधनों का अभाव हो मगर वे अपने कर्तव्यों के निर्वहन में कोई कमी नहीं रखते है।राष्ट्र निर्माण में शिक्षकों की अहम भूमिका है क्योंकि छात्रों का भविष्य उन्हीं के हाथ में है। एक राष्ट्र में वयस्कों की तुलना में कहीं अधिक बच्चे शामिल होते हैं। बच्चे भविष्य हैं और शिक्षक ही हैं उन्हें सर्वोत्तम शिक्षा,ज्ञान,अनुभव और संसाधनों के साथ शिक्षक एक-एक ईंट जोड़कर राष्ट्र के भविष्य का निर्माण करते हैं।इस अवसर पर उoप्रo सेवानिवृत्त शिक्षक कल्याण परिषद (लखनऊ) से प्रदेश अध्यक्ष, गुलाबचंद तिवारी,शंभूदयाल प्रांतीय सदस्य/संरक्षक,रामलखन भार्गव संरक्षक,झांसी मंडल,लखन लाल सक्सेना जिलाध्यक्ष,दशरथ रजक जिलामंत्री,आशाराम रायकवार कोषाध्यक्ष,लाल दीवान यादव वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं संघर्ष सेवा समिति से जिलाध्यक्ष अजय राय,बसंत गुप्ता, सुशांत गेंडा,संदीप नामदेव,शैलेंद्र राय (बबीना),त्रिलोक कटारिया सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।कार्यक्रम की अध्यक्षता सत्यदेव सिंह प्रदेश अध्यक्ष ने की। मंच का संचालन दशरथ रजक (जिला महामंत्री) एवं आभार लखन लाल सक्सेना (जिलाध्यक्ष) ने व्यक्त किया।