संवाददाता सार्थक नायक
झांसी। अंग्रेजों के विरुद्ध आजादी का बिगुल फूंकने वाले भारत के प्रथम स्वतंत्रता सेनानी मंगल पाण्डेय के प्रपौत्र संतोष कुमार पाण्डेय का रक्सा में भव्य स्वागत हुआ। सर्वप्रथम मुख्य अतिथि संतोष कुमार पाण्डेय एवं डॉo संदीप सरावगी द्वारा प्रथम स्वतंत्रता सेनानी मंगल पाण्डेय एवं वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई के चित्र पर पुष्प अर्पित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। कार्यक्रम के आयोजक शुभम यादव, मंच का संचालन कर रहे शशिकांत राजपूत, राजेंद्र राजपूत (प्रधान रक्सा) द्वारा मंगल पांडे के प्रपौत्र संतोष कुमार पांडे, समाजसेवी डॉo संदीप सरावगी, विशिष्ट अतिथि राजा रूद्रभान सहित मंच पर आसीन अन्य अतिथियों का माल्यार्पण कर स्वागत किया गया। स्वागत पश्चात मंच पर उपस्थित अतिथियों ने भारत के प्रथम स्वतंत्रता सेनानी मंगल पांडे के जीवन पर विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर समाजसेवी डॉक्टर संदीप सरावगी ने मंगल पांडे को नमन एवं उनके प्रपौत्र संतोष पाण्डेय के चरण स्पर्श कर शुभाशीष प्राप्त किया। अपने उद्बोधन में डॉo संदीप ने कहा कि देश को अंग्रेजों के अत्याचार से मुक्त कराने में देश के प्रथम स्वतंत्रता सेनानी क्रांतिकारी मंगल पांडे का अहम योगदान रहा है, अगर मंगल पांडे द्वारा हर भारतवासी के हृदय में देश के प्रति प्रेम, बलिदान एवं आजादी की क्रांति की अलख मन में न जगाई होती। तो आज भी हमारा देश गुलामी की जंजीरों मे जकड़ा होता। लेकिन देश आजाद होने के बावजूद भी जातिवाद के जंजीरों में जकड़ा हुआ है, भारतवर्ष में पहली बार मेरे द्वारा 12 मार्च को मुक्ताकाशी मंच पर वाल्मिकी कन्याओं के पैर पखारकर, 90 लाख का बीमा एवं नगद रुपए भेंटकर कर बहन व बेटी के रूप में विदा किया। वास्तविकता देश की अखंडता व एकता बनाए रखने के लिए भारत के प्रत्येक नागरिक को जातिवाद से ऊपर उठकर भारत माता की सेवा में जुट जाना चाहिए। वास्तविकता में तभी हमारा देश आजाद होगा। इस अवसर पर अशोक मिश्रा (पूर्व प्रधान), राव राजा परमार (पूर्व प्रधान), अगवानी अनिल कुमार राय अध्यक्ष (रक्सा व्यापार मंडल), सतीश राय महामंत्री, (संघर्ष सेवा समिति), समीर खान (संघर्ष सेवा समिति), सचिन अहिरवार (नगरा), राजेंद्र विश्वारी, आशीष योगी, जसवंत परमार, महेंद्र परमार सहित रक्सा क्षेत्र के गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता चंद्रभान बाबू ने की। मंच का संचालन एवं आभार एवं राजेंद्र राजपूत (रक्सा राजपूत), शशिकांत राजपूत द्वारा व्यक्त किया गया।