संवाददाता सार्थक नायक
झाँसी। धर्मग्रंथों एवं जनश्रुतियों के अनुसार माता पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त करने के लिए 107 जन्मों तक कठोर तप किया तब जाकर 108वें जन्म में भगवान शिव प्रसन्न हुए और माता पार्वती से विवाह करने का वरदान दिया, जिस दिन माता पार्वती की मनोकामना पूर्ण हुई थी उस विशेष दिवस को सनातन धर्म में हरियाली तीज के रूप में मनाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को ही भगवान शंकर में माता पार्वती को पत्नी के रूप में वरण किया था। यही कारण है कि हरियाली तीज का दिन सुहागिनों और कुंवारी कन्याओं के लिए बहुत खास होता है इस व्रत को करने से स्त्रियों को मनोवांछित फल मिलता है। संघर्ष सेवा समिति सामाजिक क्षेत्र के साथ धार्मिक क्षेत्र में भी सतत कार्य कर रही है जिससे समाज में मिट रहे धार्मिक मूल्यों को पुनः जीवित किया जा सके। समिति द्वारा रानी लक्ष्मीबाई दुर्ग के समीप स्थित राजकीय संग्रहालय में हरियाली तीज का पर्व धूमधाम से मनाया गया। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में संघर्ष सेवा समिति की महिला प्रमुख सपना संदीप सरावगी एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में रचना कुदरया और ट्विंकल बंसल उपस्थित रहीं। सर्वप्रथम भगवान गणेश की प्रतिमा का माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की गई तत्पश्चात समिति के पदाधिकारी द्वारा मुख्य अतिथि का स्वागत एवं अभिवादन किया गया। अतिथियों के अभिवादन के पश्चात कार्यक्रम संयोजक मीना मसीह द्वारा अतिथियों का स्वागत भाषण दिया गया, कार्यक्रम में सैकड़ो की संख्याओं में महिलाएं उपस्थित रहीं जिसमें कलाकारों द्वारा माता पार्वती एवं शिव पर आधारित एवं वैवाहिक भजनों का गायन किया गया कार्यक्रम में उपस्थित महिलाओं द्वारा नृत्य कर विशेष दिवस को हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। कार्यक्रम में विजयी प्रतिभागियों में प्रथम पूनम, द्वितीय नेंसी मसीह, तृतीय उर्मिला को ट्रॉफी व प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि सपना संदीप सरावगी ने कहा सनातन धर्म सबसे प्राचीन धर्म है हमारे धर्म में प्रत्येक त्यौहार को प्रकृति से जोड़ा गया है जिससे धर्म के साथ प्रकृति की भी सुरक्षित रहे। भगवान शिव प्रकृति के देवता हैं, भगवान शिव के आसपास उपस्थित सभी तत्व प्रकृति से संबंधित होते हैं शिव निराकार हैं जिसमें से सभी आकार निर्गत हुए हैं हरियाली तीज का पर्व सुहागिनों के साथ-साथ कुंवारी कन्याओं के लिए भी विशेष महत्व रखता है इसी दिन माता पार्वती के कठोर तप से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उनसे विवाह का वरदान दिया था इसी कारण पति को सनातन धर्म में परमेश्वर के समान माना जाता है हमें अपने पतियों का आदर करना चाहिये। कार्यक्रम के संचालक मण्डल में गीता शर्मा, डॉo रश्मि आर्य, किरन गौतम सम्मिलित रहीं। मंच का संचालन पूर्वी कश्यप द्वारा किया गया। एवं आयोजक के रूप में संघर्ष सेवा समिति के संस्थापक डाॅ० संदीप सरावगी उपस्थित रहे। इस अवसर पर संघर्ष सेवा समिति से आशा झा, नीलम, सुमन खान, दुर्गेश, नंदिनी, संगीता दीक्षित, रेखा पाल, नीति माहौर, सीमा चौरसिया, कमला, ज्योति, रेखा पाल, सरोज यादव, ममता, प्रीति, रश्मि, रेखा, सुधा, नेहा, रीना ज्योति सहित सैकड़ों की संख्या में समिति सदस्य उपस्थित रहे।