संवाददाता सार्थक नायक
झांसी। गुरसराय के चार युवक पिछले दो साल से विदेशियों से ठगी करने में जुटे थे। एक हजार से अधिक लोगों को अपना निशाना बना चुके हैं। युवक विदेशियों से डॉलर में भुगतान वसूलते थे, लेकिन उनके कुछ दोस्तों ने भंडाफोड़ कर दिया। इसके बाद पुलिस ने घर पर छापा मारकर चार युवकों को पकड़ लिया। उनके पास से लैपटॉप, मोबाइल और कार बरामद की गई है। पूछताछ में युवकों ने बताया कि विदेशियों से अब तब करीब पचास लाख रुपये की वह ठगी कर चुके हैं। पुलिस ने लिखा-पढ़ी के बाद चारों को जेल भेज दिया।
एसपी (आरए) गोपीनाथ सोनी ने बताया कि गुरसराय के गांधीनगर मोहल्ला निवासी करन सिंह (33), लखपत (28), अजय कुमार (24) एवं बॉबी (23) आपस में दोस्त हैं। यह लोग पहले दिल्ली में काम करते थे। यहां से इन लोगों ने ठगी के गुर सीखे। इसके बाद सभी मऊरानीपुर मेंं किराया का मकान लेकर रहने लगे। पूछताछ में युवकों ने पुलिस को बताया कि एक साइट हैक करके अमेरिका, ब्रिटेन समेत कई यूरोपियन देश के लोगों को डाटा उन्होंने हासिल कर लिया था। इसके बाद साइबर एक्सपर्ट की मदद से एक एप तैयार कराया। इसके माध्यम से खुद को नोर्टन एंटी वायरस नामक कंपनी का प्रतिनिधि बनकर विदेशियों से संपर्क करने लगे। अमेरिकन और यूरोपियन लोगों को बल्क में मेल और मेसेज भेजते थे। बेहद कम दाम में एंटी वायरस उपलब्ध कराने का झांसा देकर ऑर्डर हासिल कर लेते थे। जाल में फंसने वाले लोग उनको डाॅलर में भुगतान कर देते थे। ऑर्डर मिलने के बाद वह लोग फेक एंटी वायरस लिंक थमा देते थे। पिछले करीब दो साल से यह लोग ठगी कर रहे थे। ठगी का पूरा पैसा दिल्ली की एक बैंक के खाते में जमा होता था। यहां से डॉलर को रुपये में बदलकर सभी के पास पैसा भेजा जाता था। इससे चारों को मोटी कमाई होती थी लेकिन, कुछ दिन पहले इसकी पोल इनके किसी साथी ने खोल दी। मऊरानीपुर इंस्पेक्टर तुलसी राम पांडेय की अगुवाई में पुलिस टीम ने रविवार देर रात घर में छापा मारकर चारों को पकड़ लिया।
दिल्ली,नोएडा, कोलकाता, गुरुग्राम से होता है ऑपरेट
पुलिस को मालूम चला कि फर्जीवाड़े का पूरा खेल दिल्ली, नोएडा, कोलकता एवं गुरुग्राम से ऑपरेट होता है। पुलिस के हत्थे चढ़े युवकों ने बताया कि पूरे गिरोह का मास्टर माइंड दिल्ली में है। यह लोग बेहद शातिर हैं। पुलिस की पकड़ में आने से बचने के लिए ही सिर्फ विदेशियों को ही निशाना बनाते थे। डॉलर में भुगतान होने की वजह से यह लोग न्यूनतम शुल्क रखते थे। इसमें फर्जीवाड़ा होने पर विदेशी कहीं शिकायत भी नहीं करते थे। इस तरह इनका काम लगातार चल रहा था।
पचास लाख रुपये की कर चुके ठगी
चारों बेहद शातिर जालसाज हैं। पिछले दो साल के दौरान वह लोग करीब पचास लाख रुपये की ठगी कर चुके हैं। चारों लग्जरी लाइफ जीने के शौकीन थे। इससे मिले पैसों से वह अपने शौक पूरे करते थे। नई गाड़ी खरीदने के साथ ही अक्सर घूमने भी चले जाते थे। चारों एक साथ कमरे में रहकर फर्जीवाड़ा करते थे। पड़ोस के लोगों के पूछने पर खुद को सर्वे करने वाला बताते थे